दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया यूपी के सरकारी स्कूलों की दशा देखने को निकले थे। वह स्कूलों तक पहुंच पाते कि रास्ते में यूपी पुलिस ने उन्हें रोक दिया। यूपी पुलिस की इस हरकत को सीधे सरकार से जोड़ते हुए कहा, सरकार नही चाहती उनके दावे को देशवासी देखें। उन्होंने कहा अगर उनमें सच्चाई दिखाने और उस पर बहस करने की ताकत नहीं थी तो बहस की चुनौती क्यों दी ? उन्होंने कहा हम तो चुनौती स्वीका कर यूपी आ गए लेकिन योगी के मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह उनके साथ शिक्षा और अन्य सुविधाओं पर बहस करने नहीं आए।
केजरीवाल जी ने जब कहा कि AAP यूपी विधानसभा चुनाव लड़ेगी तब से BJP सरकार बौखला गई और उनके मंत्रियों ने चुनौती दी कि दिल्ली के गवर्नेंस मॉडल और उनके मॉडल पर वे खुली बहस के लिए तैयार हैं। उस खुली बहस की चुनौती को स्वीकार करते हुए मैं लखनऊ आया हूं: दिल्ली डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया pic.twitter.com/NpuDiligQx
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 22, 2020
स्कूलों का दौरा करने से रोके जाने पर मनीष सिसौंदिया काफी नाराज थे। उतरेठिया के पास उनके काफिले को रोके जाने पर उन्होंने पुलिस कमिश्नर से वार्ता की। लेकिन कमिश्नर ने लखनऊ में केवल एक ही कार्यक्रम की बात कहकर दूसरे स्थान पर जाने से साफ मना कर दिया।
लखनऊ के पुलिस आयुक्त डीके ठाकुर कहा कि आगे जाने की कोई इजाजत नहीं है। घंटे भर इंतजार करने के बाद वह वीवीआइपी गेस्ट हाउस वापस लौट आए। पुलिस के द्वारा उनका रास्ता रोकने पर मनीष सिसोदिया ने कहा कि यह बेहद ही शर्मनाक है कि आज हम सरकारी स्कूल का निरीक्षण करने जा रहे थे तो हमको रोका गया।
मैंने उसी समय सिद्धार्थनाथ सिंह जी को कहा था कि मैं आपका निमंत्रण स्वीकार करता हूं। अभी तक उन्होंने समय और स्थान नहीं बताया है। उम्मीद है कि पिछले चार साल में यूपी सरकार ने शिक्षा, बिजली और रोज़गार के लिए जो काम किए होंगे उस पर खुली बहस के लिए मंत्री जी आएंगे: मनीष सिसोदिया https://t.co/H3lSyOTrKp
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