महादेव की नगरी काशी जहां मोक्षदायिनी गंगा की कलकल करती धारा के तट अस्सी घाटों से सजे हैं। पूरी काशी भोर में मंदिरों के घंटे और घड़ियाल की आवाज से गूंज उठती है। यहां आने वाला हर नागरिक अपने को धन्य समझता है। काशी भी मिट्टी को एक बार अपने माथे पर लगाने की तमन्ना लिए यहां खींचा चला आता है। अब सरकार भी इसकी अनुपम छटा को निखारने में लग गई है। विश्व पटल पर वैसे तो काशी पहले से चमक रहा है लेकिन अब इसे एक नए कलेवर में पेश करने की सरकार की योजना है।
सरकार की इस पहल से दुनियाभर में काशी आने वाले पर्यटकों को काशी को देखने समझने का नया आयाम मिल जाएगा। काशी के खिरकिया घाट अब पर्यटन का नया केन्द्र बनने जा रहा है। काशी के नक्शे में जुड़ने वाला ये नया पर्यटन केन्द्र जल, थल और नभ तीनों से जुड़ेगा। इसके बनने के बाद एयरपोर्ट और स्टेशन से यहां पहुंचना आसान होगा।
खिरकिया घाट को विकसित करने वाली कंपनी नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन के प्रबंधक अनिल यादव- ये घाट 11.5 एकड़ में बनेगा, इस पर तकरीबन 36 करोड़ की लागत आंकी गई है। उन्होंने बताया कि ये घाट 2021 तक बनकर तैयार होगा। इस घाट की डिजाइन तैयार करने कंपनी प्लानर इंडिया के अनुसार- ये घाट गाबियन और रेटेशन वाल से तैयार किया जाएगा। खास बात यह कि यह निर्माण इको फ्रेंडली है। घाट पर ही वाहनों की पार्किंग की व्यवस्था है, जो अन्य घाटों पर नहीं है।
वाराणसी मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल- अस्सी और दशाश्वमेध घाट पर पर्यटक अधिक आते हैं, लेकिन सभी घाटों तक आसानी से गाड़ियां नहीं पहुंच पातीं, इसलिए खिरकिया घाट का जीर्णोद्धार किया जा रहा है। घाट पर सभी सुविधाएं एक साथ मिलेंगी।