जौनपुर से सांसद रहे स्वामी चिम्यानंद के खिलाफ वह केस जिसमें वर्ष 2011 में उन पर हरिद्वार के आश्रम में बंधक बनाकर दुष्कर्म करने का आरोप लगाया गया था। इसके बाद उनके खिलाफ शाहजहांपुर कोतवाली में 30 नवंबर 2011 को चिम्यानंद पर दुष्कर्म और जान से मारने का आरोप लगाया गया। अब यह केस बेहद दिलचस्प मोड़ पर आ गया है। दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली पीड़िता के साथ एसआईटी उस कमरे तक पहुंच गई जहां पीड़िता रहती थी। कमरा नंबर 102, पीड़िता का दावा है कि यह कमरा उसके साथ हुए हर जुर्म का राजदार है। पीड़िता का कहना है इसी कमरे में चिम्यानंद के खिलाफ सारे साक्ष्य मौजूद हैं।
आश्रम के कमरे तक पहुंची एसआईटी
सोमवार को पीड़िता ने दावा किया था कि हॉस्टल के इसी कमरे में स्वामी चिम्यानंद के खिलाफ सारे साक्ष्य सुरक्षित हैं। इस कमरे को सील करने की मांग पीड़िता द्वारा की जाती रही है। पुलिस में मुकदमा कायम होने के तत्काल बाद कमरे को सील कर दिया था। मंगलवार को एसआईटी पीड़िता के साथ इस कमरे तक पहुंच गई। एसआईटी पीड़ित परिवार की मौजूदगी में आश्रम के हॉस्टल को खंगाल रही है। उस कमरे को खोला जा रहा है, जहां लड़की रहती थी। पीड़िता का दावे अगर सही साबित होते हैं तो स्वामी चिम्यानंद बड़ी मुसीबत में फंस सकते हैं।
यूपी पुलिस पर नहीं है भरोसा
पीड़िता ने मीडिया से बातचीत में साफ कहा, उसने दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के सामने दुष्कर्म की नई शिकायत दर्ज कराई है। वहां जीरो एफआईआर दर्ज की गई है। उसने कहा हमारी शिकायत पर शाहजहांपुर में दुष्कर्म की शिकायत दर्ज नहीं की गई। उनसे बताया कि एसआईटी को इस मामले की सभी जानकारियां मुहैया करा दी हैं।
शाहजहांपुर के डीएम पर धमकी देने का आरोप
पीड़िता ने आरोप लगाया कि यूपी पहुंचते ही एसआईटी ने उससे 10-11 घंटे तक पूछताछ करती रही लेकिन आरोपी से एक भी सवाल नहीं किया। पीड़िता ने शाहजहांपुर के डीएम पर भी आरोप लगाया कि उन्होंन हमारे पिता को केस वापस लेने के लिए धमकी दी है। पीड़िता ने बताया कि यूपी पुलिस से उसे खतरा है, इसलिए उसे दिल्ली में जीरो एफआईआर करवानी पड़ी। उसने कहा स्वामी चिन्मयानंद के खिलाफ उसके पास पर्याप्त सबूत मौजूद हैं, सही समय सामने लाऊंगी।
प्रेस कांफ्रेंस में पीड़िता ने लगाया आरोप
-पीड़िता ने स्वामी चिन्मयानंद पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है.
-पीड़िता ने शाहजहांपुर के जिलाधिकारी पर ही धमकाने का आरोप लगाया
-पीड़िता ने दो टूक कहा कि उसे यूपी पुलिस पर कतई विश्वास नहीं है
-अगर पुलिस ईमानदार है तो स्वामी के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज क्यों नहीं किया गया?
-समाचारा एजेंसी एआईएनएस के मुताबिक संदिग्ध हालात में गायब हो गई थी
-पीड़िता बरामद होने के बाद पहली बार सोमवार को मीडिया के सामने आई
-एसआईटी ने दिल्ली से शाहजहांपुर पहुंचते ही मुझसे 10-11 घंटे तक पूछताछ की
-मगर मेरे द्वारा दी गई शिकायत पर पुलिस ने कोई एफआईआर दर्ज नहीं की
-पीड़िता ने कहा स्वामी चिन्मयानंद पर दुष्कर्म के आरोप लगाए हैं,
-पीड़िता ने कहा,एक साल तक लगातार उसने मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न किया
क्या है केस
जौनपुर से सांसद रहे स्वामी चिन्मयानंद केंद्र की वाजपेयी सरकार में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री थे। इस दौरान उनके संपर्क में आईं बदायूं निवासी साध्वी ने वर्ष 2011 में उन पर हरिद्वार के आश्रम में बंधक बनाकर दुष्कर्म का आरोप लगाया था। इसके बाद शाहजहांपुर कोतवाली में 30 नवंबर 2011 को स्वामी चिन्मयानंद के खिलाफ दुष्कर्म व जान से मारने की धमकी देने का केस दर्ज किया गया। मामले में गिरफ्तारी के खिलाफ स्वामी ने हाईकोर्ट से स्टे हासिल कर लिया था, तभी से मामला लंबित चल रहा है।
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